दिल की गहराई, ज़बान की कहानी
इश्क का मंज़िल कभी नहीं सुगम होता। दिल अंदर से चुपके से अपना जज़्बा दिखाता है लेकिन दुनिया की वस्तुनिष्ठता में यह तेज़ी से खो जाता है। �
इश्क का मंज़िल कभी नहीं सुगम होता। दिल अंदर से चुपके से अपना जज़्बा दिखाता है लेकिन दुनिया की वस्तुनिष्ठता में यह तेज़ी से खो जाता है। �
दिल की रंग अब ठहर गई हैं. अंततः जब प्रकाशित उम्मीदें भरपूर थीं, अब सिर्फ {शांतअश्रुओं का सागर है। वह स्थिर गया. जुदाई का सागर में डूब गय�
यह हमारे अनंत बड़ा जलाशय है, जहाँ आंसूओं की बारिश होती रहती है। हर बेहद उस पल में, यह तूफ़ान अपने भीतर बहुत चकराता है। यहाँ उमंग अक्सर दूर �
एक युवक जब दर्द से भरा हो, तो उसे आत्मा को शांत देने वाली कुछ चीजों की {जरूरत|महसूसहोती। ग़ज़लें ऐसी ही कुछ चीज़ हैं जो दुख को सहन करने मे